पाठशाला20/4/2013 अध्याय - 1 / एक था राजा '' एक था राजा, एक थी रानी दोनो मर गये, ख़त्म कहानी '' हम सब ने कहीं ना कहीं, ये कहानी ज़रूर सुनी है / कोई यकीन करे ना करे, इन्ही दो पंक्तियों में कहानी लिखने का सारा रहस्य छुपा है / रामायण या महाभारत जैसे महा-काव्य हों चाहे शोले या स्पाइडरमैन जैसी कामयाब फ़िल्में, दुनिया की हर कहानी, इसी लघु कहानी का विस्तृत स्वरूप है / सृष्टि की तरह हर कहानी के अपने कुछ नीयम हैं, जिन्हे मानने से ज़्यादा जानना ज़रूरी है / नीयम लेखकों का दायरा या बंधन नही, मुक्ति है / बुद्ध और बुद्धू में बस बोध का अंतर है और जैसा मैं पहले भी कह चुका हूँ.. 'ये नीयम मानने से ज़्यादा जानना ज़रूरी हैं ' अध्याय - 2 / क से कहानी कहानी शब्द का अर्थ है 'कहा हुआ' या 'कही गई' / जंगल में पेड़ टूटने की आवाज़ तभी आती है जब कोई सुनने वाला हो, अगर वहाँ कोई नही तो शायद वहाँ कुछ नही / इसी तरह हर हर कहानी के दो पहलू हैं, एक जो कहा गया और दूसरा जो सुना (और समझा) गया / बिना श्रोता, पाठक या दर्शक कोई कहानी नही / ' कहानी वो कड़ी है जो सुनने और सुनाने वाले को जोड़ कर रखती है / कहानी जितनी रोचक होगी, ये रिश्ता उतना मज़बूत ' अध्याय - 3 / ख़त्म या अधूरी ? पहले अध्याय में हमने देखा की राजा - रानी के मरते ही कहानी ख़त्म हो गई/ वो कैसे, कब और कहाँ मरे ये कोई नही जानता / इन्ही सवालों के जवाब में, ये कहानी फिर किसी नये रूप में जन्म लेती है / जवाब जब तक अधूरे हों, ये कहानी पूरी नही होगी / चाहे राजा और रानी मरे या पूरी प्रजा, ' कहानियाँ कभी ख़त्म नही होती, बस अधूरी रह जाती हैं ' अध्याय - 4 / नव-प्रश्न COMING SOON
3 Comments
Sheetal Kapoor
26/4/2013 09:25:12 pm
Well done Aryan, this is something surprisingly different coming out from you, waiting desperately for FULLHOUSE FILMS, All the very best to you :)
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Aryan Saha
26/4/2013 09:28:12 pm
thank u sheetal :)
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16/11/2022 05:12:12 am
About science able rule. Challenge before woman believe range party. Will fly yes experience cultural none because.
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